भारतीयों को लाने वाले कैप्टन अमिताभ बोले- लोगों को वहां से निकालने में 7 घंटे लगे

 भारतीय नागरिकों को चीन से एयरलिफ्ट करने वाले ऑपरेशन का नेतृत्व एयर इंडिया के कैप्टन अमिताभ सिंह ने किया। अमिताभ ने शनिवार को बताया कि कोरोनावायरस से प्रभावित चीन के वुहान शहर से भारतीयों के पहले जत्थे को निकालने में करीब सात घंटे लगे। प्रत्येक यात्री को चिकित्सीय जांच और इमिग्रेशन प्रक्रिया से गुजरना पड़ा।


अमिताभ ने कहा- लोगों को यूनिवर्सिटी से सीधे वाणिज्य दूतावास लाया गया। वहां से सभी को हमारे विमान के वुहान में उतरने के बाद हवाई अड्डे पर भेजा गया। हमें सूचित किया गया था कि लोगों को हवाई अड्डे के आसपास या शहर में कहीं भी बाहर घूमने की अनुमति नहीं है।


‘ऑपरेशन के दौरान चालक दल की भी जांच हुई’


उन्होंने कहा- पूरा दल पहली बार कोरोनावायरस से प्रभावित इलाके में जा रहा था। चालक दल और कर्मचारियों के वुहान जाने से हमारे मन में डर था कि कोई कोरोनावायरस से प्रभावित न हो जाए। हमारे साथ आरएमएल के डॉक्टरों की अच्छी टीम भी थी। वे चालक दल और कर्मचारियों की जांच कर रहे थे। हमारे डर को शांत कर रहे थे। डॉक्टर हमें जानकारी दे रहे थे कि हम बीमारी से बचने के लिए कैसे कपड़े पहनें और सुरक्षा के क्या उपाय करें।


वुहान में हमें हर जगह प्राथमिकता मिली: सिंह


दिल्ली से वुहान तक हवाई क्षेत्र में हवाई यातायात की स्थिति के बारे में कैप्टन सिंह ने बताया- एक बार उड़ान भरने के बाद यात्रा पूरी तरह से सुचारु हो गई थी। हवाई क्षेत्र खाली था। मुश्किल से एक या दो विमान थे। वुहान में हवाई अड्डा भी बिल्कुल खाली था। हमें हर जगह प्राथमिकता मिली। एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) ने भी बहुत सहयोग किया।


कैप्टन सिंह पहले भी ऐसे ऑपरेशन का नेतृत्व कर चुके हैं


यह पहली बार नहीं था जब कैप्टन अमिताभ ने इस तरह के ऑपरेशन का नेतृत्व किया है। उन्होंने पहले भी इस तरह के कई ऑपरेशन्स किए हैं। अगस्त 1990 में वे उन पायलटों में से एक थे, जिन्होंने इराक और कुवैत में फंसे भारतीयों को निकालने में मदद की थी। मध्य पूर्व और कश्मीर में भी युद्ध की स्थिति के दौरान जब घाटी में बाढ़ आई थी, तो वे पहले थे जिन्होंने लोगों को वहां से निकाला था।


 


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